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भरोषा किसी पर ना करो , यह जमाना बहुत बुरा है , होठ

भरोषा किसी पर ना करो , यह जमाना बहुत बुरा है ,
होठों पर मुस्कान लेकर जो करते हैं सलाम ,
उन्हीं के हाथों में छुरा है ।
विश्वास की डोर तो कब की गल चुकी है ,
चारों तरफ बस धोखा है ,
कभी कलयुगी औलादों ने लूट लिया मां बाप को ,
कभी इस जमाने के ढोंगी प्रेम से छल लिया नाजुक मनों को ,
कभी अपनों ने ही इज़्ज़त तार तार कर दी घर की बेटियों की,
कभी गला घोंट दिया गया महत्वांक्षाओं का और अच्छे भविष्य का ,
समाज नाम के काले नाग ने निगल लिया लाखों जीवन को ,
जो अनसुना कर समाज को सुने खुद की और करे अपने मन की ,
वह इंसान इस जमाने के लिए बहुत बुरा है  ।।

©Sakshi Soni भरोषा किसी पर ना करो , यह जमाना बहुत बुरा है ,
होठों पर मुस्कान लेकर जो करते हैं सलाम ,
उन्हीं के हाथों में छुरा है ।
विश्वास की डोर तो कब की गल चुकी है ,
चारों तरफ बस धोखा है ,
कभी कलयुगी औलादों ने लूट लिया मां बाप को ,
कभी इस जमाने के ढोंगी प्रेम से छल लिया नाजुक मनों को ,
कभी अपनों ने ही इज़्ज़त तार तार कर दी घर की बेटियों की,
भरोषा किसी पर ना करो , यह जमाना बहुत बुरा है ,
होठों पर मुस्कान लेकर जो करते हैं सलाम ,
उन्हीं के हाथों में छुरा है ।
विश्वास की डोर तो कब की गल चुकी है ,
चारों तरफ बस धोखा है ,
कभी कलयुगी औलादों ने लूट लिया मां बाप को ,
कभी इस जमाने के ढोंगी प्रेम से छल लिया नाजुक मनों को ,
कभी अपनों ने ही इज़्ज़त तार तार कर दी घर की बेटियों की,
कभी गला घोंट दिया गया महत्वांक्षाओं का और अच्छे भविष्य का ,
समाज नाम के काले नाग ने निगल लिया लाखों जीवन को ,
जो अनसुना कर समाज को सुने खुद की और करे अपने मन की ,
वह इंसान इस जमाने के लिए बहुत बुरा है  ।।

©Sakshi Soni भरोषा किसी पर ना करो , यह जमाना बहुत बुरा है ,
होठों पर मुस्कान लेकर जो करते हैं सलाम ,
उन्हीं के हाथों में छुरा है ।
विश्वास की डोर तो कब की गल चुकी है ,
चारों तरफ बस धोखा है ,
कभी कलयुगी औलादों ने लूट लिया मां बाप को ,
कभी इस जमाने के ढोंगी प्रेम से छल लिया नाजुक मनों को ,
कभी अपनों ने ही इज़्ज़त तार तार कर दी घर की बेटियों की,
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Sakshi

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भरोषा किसी पर ना करो , यह जमाना बहुत बुरा है , होठों पर मुस्कान लेकर जो करते हैं सलाम , उन्हीं के हाथों में छुरा है । विश्वास की डोर तो कब की गल चुकी है , चारों तरफ बस धोखा है , कभी कलयुगी औलादों ने लूट लिया मां बाप को , कभी इस जमाने के ढोंगी प्रेम से छल लिया नाजुक मनों को , कभी अपनों ने ही इज़्ज़त तार तार कर दी घर की बेटियों की, #Society #writer #कविता #शायरी #नोजोटो #streak #Streaks #NojotoStreak