भरोषा किसी पर ना करो , यह जमाना बहुत बुरा है ,
होठों पर मुस्कान लेकर जो करते हैं सलाम ,
उन्हीं के हाथों में छुरा है ।
विश्वास की डोर तो कब की गल चुकी है ,
चारों तरफ बस धोखा है ,
कभी कलयुगी औलादों ने लूट लिया मां बाप को ,
कभी इस जमाने के ढोंगी प्रेम से छल लिया नाजुक मनों को ,
कभी अपनों ने ही इज़्ज़त तार तार कर दी घर की बेटियों की, #Society#writer#कविता#शायरी#नोजोटो#streak#Streaks#NojotoStreak