सोचा था, जीत का जश्न मनाऊँगा, पर जश्न तो हर पल था, जो भागने में बीत गया, हाँ, जीत तो मैं गया, बस जी नहीं पाया, रास्ते में कुछ रह गया, एक सुकून, एक जश्न था। #जो छूटी,वही जिंदगी थी मैं तो बहुत आगे निकल गया #कथांश