न होती जो एक मुलाकात, तो तुम कैसे बन जाते मेरे दिल ए हमराज़, आज भी रब से दुआ मांगते हैं, हर दिन हो तेरे साथ प्यार ए एहसास, तेरा मेरा मिलना महज़ मिलना नही था, दो दिलों की थी एक आवाज़, माना ईश्वर ने बनाये हैं जोड़े,तभी तो संयोग से मौका देता है एक खास 🌝प्रतियोगिता-45 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"एक मुलाक़ात"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I