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White कभी कभी धुंध होगी या होगी परछाई भ्रम की अहम

White कभी कभी धुंध होगी या होगी परछाई भ्रम की 
अहम मे डूबा होऊंगा मैं, या बंद होंगे चक्षु 
सुन नही पा रहा हूंगा, क्योंकि द्वेष से फट गए होंगे 
कान के परदे।
दिखाई नहीं देगा सत्य और पवित्रता, क्योंकी
नही पता ग्रहण करना प्रेम, वो भी सत्य 
मिथ्या लगता है अभी भी, नहीं विश्वास होता की
मैं बन सकता हूं प्रेम का ग्राही?

इस असंभव को संभव किया है, तुमने 
थोड़ा ही सही प्रसन्न हो जाता हूं 
भयभीत तो हूं पर एक कदम आगे बढ़ता हूं 
तुम्हारे साथ, सहारे की हर समय आवश्यकता होगी 
देते रहना मेरा साथ यूंही सत्य से, प्रेम से।

©mautila registan(Naveen Pandey)
  #couragetolove