मुक्तक याद आँखों को छलती रही रात भर। शमाँ तिल तिल पिघलती रही रात भर। उसकी हर बात दिल से मिटा दी मगर, याद उसकी ही आती रही रात भर। …… सतीश मापतपुरी ©Satish Mapatpuri शमाँ