वो समझाने आ जाएंगे ज़ी को ज़लाने आ जाएंगे गर यूं ही बेहोश रहे तो होश ठिकाने आ जाएंगे बात तुम्हारी ज़ब बिगड़ी वो बात बनाने आ जाएंगे दिया ज़लाने की कहकर वो आग लगाने आ जाएंगे नये दोस्त ज़ब ज़ब आएंगे दर्द पुराने आ जाएंगे प्यार पुराना जागेगा तो नए ज़माने आ जाएंगे मय को बुरा कहें "मुन्तज़िर ज़हर पिलाने आ जाएंगे... ©Nitin Arya Muntzir आ जाएंगे..