Nojoto: Largest Storytelling Platform

रात अमावस की तम लाती है। कुछ सब्र धरो तो रात भी प

रात अमावस की तम लाती है। 
कुछ सब्र धरो तो रात भी पूनम की आती है।
हौले हौले चलना सीखों, धीरे धीरे मुस्काना।
नील गगन में पंछी उड़ते , 
सीखों फसलों से लहलहाना। 
पाषाण  से ताकत लेकर  सीखों, 
पथ पर आगे बढ़ना ।
बूंदों से सीखों नदियों में मिल जाना 
नदियों से सीखों उसकी अविरलता
और सागर में मिल जाना।
पर्वत से सीखों ऊंचाई और 
सागर से गहराई ।
नभ से सीखों विस्तार अनंत में ढ़ल जाना।
पवन से सीखो मद्धम मद्धम बहना।
हौले हौले चलना सीखो , धीरे-धीरे मुस्काना।
©किशोर 






©किशोर #weather 
#poem
रात अमावस की तम लाती है। 
कुछ सब्र धरो तो रात भी पूनम की आती है।
हौले हौले चलना सीखों, धीरे धीरे मुस्काना।
नील गगन में पंछी उड़ते , 
सीखों फसलों से लहलहाना। 
पाषाण  से ताकत लेकर  सीखों, 
पथ पर आगे बढ़ना ।
बूंदों से सीखों नदियों में मिल जाना 
नदियों से सीखों उसकी अविरलता
और सागर में मिल जाना।
पर्वत से सीखों ऊंचाई और 
सागर से गहराई ।
नभ से सीखों विस्तार अनंत में ढ़ल जाना।
पवन से सीखो मद्धम मद्धम बहना।
हौले हौले चलना सीखो , धीरे-धीरे मुस्काना।
©किशोर 






©किशोर #weather 
#poem
kishorjha3995

Kishor Jha

New Creator