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अगर तुम साथ होते, अगर तुम साथ होते मेरी कविता क

अगर तुम साथ होते,    अगर तुम साथ होते मेरी कविता को तुम्हारा सूर मिल जाता,
मेरे हाथों में तेरे हाथ से अधूरा सफर भी मंज़िल बन जाता...

रूठते मनाते दिल की हर जज्बात हम बयां कर जाते,

आंखों में बसे हर ख्वाब को हकीकत का रूप दे जाते...

अपने नाम के साथ तुझे जोड़कर एक नई पहचान दे जाते,

तेरा साथ पाकर कांटे भी गुलाब हो जाते....

 ज्यों उदासीन पतझड़ भी खुशनुमा बसंत बन जाता,
तप्त रेगिस्तान में भी पानी का प्रवाह मिल जाता..…

©Sudha Tripathi #wetogether  Adhury Hayat Priya Gour vks Siyag Priya dubey indira
अगर तुम साथ होते,    अगर तुम साथ होते मेरी कविता को तुम्हारा सूर मिल जाता,
मेरे हाथों में तेरे हाथ से अधूरा सफर भी मंज़िल बन जाता...

रूठते मनाते दिल की हर जज्बात हम बयां कर जाते,

आंखों में बसे हर ख्वाब को हकीकत का रूप दे जाते...

अपने नाम के साथ तुझे जोड़कर एक नई पहचान दे जाते,

तेरा साथ पाकर कांटे भी गुलाब हो जाते....

 ज्यों उदासीन पतझड़ भी खुशनुमा बसंत बन जाता,
तप्त रेगिस्तान में भी पानी का प्रवाह मिल जाता..…

©Sudha Tripathi #wetogether  Adhury Hayat Priya Gour vks Siyag Priya dubey indira

#wetogether Adhury Hayat Priya Gour vks Siyag Priya dubey indira