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तुमसे मिलना और बिछड़ना जाने कब की बात है, इश्क का

तुमसे मिलना और बिछड़ना जाने कब की बात है,
इश्क का बनकर बिगड़ना जाने कब की बात है।

उन खतों को भी जलाए अब जमाना हो गया,
जिन खतों पे रोना-धोना जाने कब की बात है।

एक चेहरा था हमारे सिरहने रक्खा हुआ,
टूटकर उसका बिखरना जाने कब की बात है।

वे हवाएं जो यहां पर आकर सजदे करती थीं,
उनका फिर रास्ते बदलना जाने कब की बात है।

एक लड़का जो तुम्हारे इश्क में बदनाम था,
हां वही, जिसका सुधरना जाने कब की बात है।

आज देखा फिर वही गलियां, वही रस्ते, शहर,
जहां था तुमसंग गुजरना जाने कब की बात है।

ग़र कोई पूछे कभी की याद है तुमको 'ऋषि',
तो पलटकर उससे कहना जाने कब की बात है। #yqrishi #yqbaba #yqdidi #yqdada #yqgazal
तुमसे मिलना और बिछड़ना जाने कब की बात है,
इश्क का बनकर बिगड़ना जाने कब की बात है।

उन खतों को भी जलाए अब जमाना हो गया,
जिन खतों पे रोना-धोना जाने कब की बात है।

एक चेहरा था हमारे सिरहने रक्खा हुआ,
टूटकर उसका बिखरना जाने कब की बात है।

वे हवाएं जो यहां पर आकर सजदे करती थीं,
उनका फिर रास्ते बदलना जाने कब की बात है।

एक लड़का जो तुम्हारे इश्क में बदनाम था,
हां वही, जिसका सुधरना जाने कब की बात है।

आज देखा फिर वही गलियां, वही रस्ते, शहर,
जहां था तुमसंग गुजरना जाने कब की बात है।

ग़र कोई पूछे कभी की याद है तुमको 'ऋषि',
तो पलटकर उससे कहना जाने कब की बात है। #yqrishi #yqbaba #yqdidi #yqdada #yqgazal