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Gagan Dhiman

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Mahima Jain

"यह ग़ज़ल उन सभी को समर्पित है जो खुद से ऊपर देश को मानते है।" जिस धरती पर हम जन्में हैं उसकी रक्षा खातिर लाखों वीर तैनात है आज स्वंतत्रता दिवस पर फिर से, उन सभी को दिल से मेरा सलाम है। जो हर मौसम सीमा पर डटे हुए या तेज़ बारिश में उड़ान है भर रहे जो तूफ़ान में भी जहाज़ पर अडिग रहे, उन जवानों को दिल से मेरा सलाम है। #IndependenceDay #yqbaba #yqdidi #yqgazal #cascadewriters #cwtw1 #cwtricolorwings #ग़ज़ल_ए_माही

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 •| ग़ज़ल |•

दिल से मेरा सलाम
(कविता अनुशीर्षक में)
     "यह ग़ज़ल उन सभी को समर्पित है जो खुद से ऊपर देश को मानते है।"


जिस धरती पर हम जन्में हैं उसकी रक्षा खातिर लाखों वीर तैनात है
आज स्वंतत्रता दिवस पर फिर से, उन सभी को दिल से मेरा सलाम है।

जो हर मौसम सीमा पर डटे हुए या तेज़ बारिश में उड़ान है भर रहे
जो तूफ़ान में भी जहाज़ पर अडिग रहे, उन जवानों को दिल से मेरा सलाम है।

Mahima Jain

•| ग़ज़ल |• "आख़िर कैसे" खुद में ही मैं उलझी हूं, ना जाने सुलझाऊं कैसे, अपना हाल - ए - दिल किसी को बतलाऊं कैसे। एक तू ही तो था जिसने हंसना सिखाया था, तेरी ही खातिर इन आंखों को रुलाऊं कैसे। #yqrestzone #yqgazal #rzमहफ़िल #ग़ज़ल_ए_माही #rzमहिका #rzमहफ़िल5

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•| ग़ज़ल |•
" आख़िर कैसे "

खुद में ही मैं उलझी हूं, ना जाने सुलझाऊं कैसे,
अपना हाल - ए - दिल किसी को बतलाऊं कैसे।

एक तू ही तो था जिसने हंसना सिखाया था,
तेरी ही खातिर इन आंखों को रुलाऊं कैसे।

तूने तो एक पल में ही पराया कर दिया,
मैं तेरे साथ बीते हुए पल भुलाऊं कैसे।

मेरी आंखों में दिखता है अब भी तेरा प्यार,
तू ही बता इसे दुनिया से छुपाऊं कैसे।

दिल की "महिमा" वो ही जाने, जिसने दिल लगाया है,
मेरा तो सब कुछ टूट गया, मैं ये रोग लगाऊं कैसे।। •| ग़ज़ल |•
"आख़िर कैसे"

खुद में ही मैं उलझी हूं, ना जाने सुलझाऊं कैसे,
अपना हाल - ए - दिल किसी को बतलाऊं कैसे।

एक तू ही तो था जिसने हंसना सिखाया था,
तेरी ही खातिर इन आंखों को रुलाऊं कैसे।

Vivek Sharma

उफ़क़ की रोशनी से, नहाया दिखता है,
चांद फिर उसके घर से,आया दिखता है । उफ़क़ - क्षितिज

महकता रहा आज, वो दिन भर आंगन में ,
किसी बहाने छू कर उसे,आया दिखता है ।

उन आम सी गलियों की रौनक के,क्या कहने,
अपनी जुस्तजू से शहर उसने,सजाया दिखता है ।

हर बार कदम उसके घर की ओर, चल देते हैं,
हकीकत है या कोई भ्रम, फैलाया दिखता है ।

नए दौर में कर रहे हैं हम,बीते वक्त सी मोहब्बत,
रास्ता खुद के लिए मुश्किल,बनाया दिखता है ।।

- Author Vivek Sharma















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Vivek Sharma

" ये ना सोच, के अब उसे कुछ भी सुनाई देगा,
जुर्म में शरीक जो,वो भला किसकी गवाही देगा ।
वो जो रखता हो मुंह पर मां बहन,हर फसाद में,
राखी के लिए कैसे , वो अपनी कलाई देगा ।

शराफ़त से कर आया हो,जो रिश्ते का खून,
देख लेना वो बार बार अपनी, सफाई देगा ।

वो जिसके रातों दिन हों, तन्हाई में मुब्तिला ,
सबसे ज्यादा मसरूफ, वो मजलूम दिखाई देगा ।

ज़माने से लड़ जाने का,भले उस में माद्दा हो,
बेटी को नम आंखों से ही, वो विदाई देगा ।
कैसा भी लिख लूं मैं, शौहरत होती नहीं हासिल,
देखते हैं क्या आगे जिंदगी में,वो खुदाई देगा ।।
-Author Vivek Sharma



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Vivek Sharma

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" वक़्त अपनी उम्र का,यूं तो तकाज़ा जानता है, 
तुम्हारी गली से गुजरता है,जैसे अपना मानता है।

सवालों के सैलाब, अब आकर थम चुके हैं,
ये गुलिस्तां , अब अपनी हैसियत जानता है ।

इक पुरजोर कोशिश,यूं गुज़र करती है जहन से,
जैसे मुश्किल हालत की कोई, खूबसूरत दास्तां है ।

वो दूर के रिश्ते भी , सलीके से संभाल लेता है,
जब बात करो,तभी लगता है कि गहरा वास्ता है ।

बचपना था जो ज़माने भर की, शिकायतें करते रहे,
जवां हुए तो समझे,की तरक्की का इक यही रास्ता है ।।

-Author Vivek Sharma




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Rishi Dwivedi

तुमसे मिलना और बिछड़ना जाने कब की बात है,
इश्क का बनकर बिगड़ना जाने कब की बात है।

उन खतों को भी जलाए अब जमाना हो गया,
जिन खतों पे रोना-धोना जाने कब की बात है।

एक चेहरा था हमारे सिरहने रक्खा हुआ,
टूटकर उसका बिखरना जाने कब की बात है।

वे हवाएं जो यहां पर आकर सजदे करती थीं,
उनका फिर रास्ते बदलना जाने कब की बात है।

एक लड़का जो तुम्हारे इश्क में बदनाम था,
हां वही, जिसका सुधरना जाने कब की बात है।

आज देखा फिर वही गलियां, वही रस्ते, शहर,
जहां था तुमसंग गुजरना जाने कब की बात है।

ग़र कोई पूछे कभी की याद है तुमको 'ऋषि',
तो पलटकर उससे कहना जाने कब की बात है। #yqrishi #yqbaba #yqdidi #yqdada #yqgazal

Krish Vj

अल्फ़ाज़/शब्द:- " Ta'assur / तअस्सुर / تأثر " Meaning:- Impression, Effect तहरीर/अर्थ:- प्रभाव, छाप आओ "Poetry Stage" के साथ Collab करें। सीखते रहिये हमारे साथ उर्दू अल्फ़ाज़। #poetrylovers #poetrycommunity #urdu #yqurdu #YourQuoteAndMine #poetrystage786 #yqgazal

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तेरी सादगी के तअस्सुर से 
महकती हैं यह दुनियां मेरी 

तुझे अपना बना ना चाहत
आरज़ू इस दिल की यहीं हैं 

ख़ुदा तू  हैं मेरा दिलबर भी 
मज़हब सिर्फ़ मोहब्बत मेरा 

रुख़सत जो हुआ तू  मुझसे
तन छोड़ रूह होगी साथ तेरे 

सितम हर सह  लेगे तेरे हम 
हर दर्द पर मरहम दिलबर तू अल्फ़ाज़/शब्द:- " Ta'assur / तअस्सुर / تأثر "

Meaning:- Impression, Effect

तहरीर/अर्थ:- प्रभाव, छाप

आओ "Poetry Stage" के साथ Collab करें। सीखते रहिये हमारे साथ उर्दू अल्फ़ाज़।

Author Munesh sharma 'Nirjhara'

ग़नुक (बहर की परिधि से मुक्त ग़ज़ल) उसकी यादों की क़ैद से फ़रार होना चाहती हूँ उसको भी अपने लिए तड़पते देखना चाहती हूँ नहीं पता क्या कर रही और क्या करना चाहती हूँ #yqhindi #bestyqhindiquotes #mनिर्झरा #yqgazal #तुम्हारे_ख़्याल_और_मैं

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उसकी यादों की क़ैद से फ़रार होना चाहती हूँ
उसको भी अपने लिए तड़पते देखना चाहती हूँ 

नहीं पता क्या कर रही क्या करना चाहती हूँ 
उस बेदर्द के दिल में दर्द जगाना चाहती हूँ

वो भी तो जाने बेरुख़ी किसे कहते हैं
उसको भी मज़ा-ए-मोहब्बत देना चाहती हूँ

बनता रहा जो 'पत्थर-ए-दिल' सनम
मोम-सा उसको अब पिघलते देखना चाहती हूँ

क्या होता है इश्क़ होना और बस रोना
'हालात-ए-मोहब्बत' का नज़ारा देखना चाहती हूँ

वो जो नकारता रहा पाकीज़ा एहसास को मेरे
उसको कसमें-वादे उठाते देखना चाहती हूँ

डूबी जिसके प्रेम में सिर से पैर तक 'निर्झरा'
उसे आग के दरिया को लाँघते देखना चाहती हूँ!
🌹 
ग़नुक
(बहर की परिधि से मुक्त ग़ज़ल)

उसकी यादों की क़ैद से फ़रार होना चाहती हूँ
उसको भी अपने लिए तड़पते देखना चाहती हूँ 

नहीं पता क्या कर रही और क्या करना चाहती हूँ

Author Munesh sharma 'Nirjhara'

चाहती हूँ तुम बिन कहे ही जान लो जो कहा नहीं मैंने तुमसे वह सुन लो साथ तुम्हारा और मेरा बेसबब नहीं है वज़ह है ज़रूर इतना तुम पहचान लो अच्छे लगते हो मेरे नादान दिल को तुम जिद्दी बहुत है दिल भी मेरा यह जान लो #yqdidi #yqhindi #bestyqhindiquotes #mनिर्झरा #yqgazal

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चाहती हूँ तुम बिन कहे ही जान लो
जो कहा नहीं मैंने तुमसे वह सुन लो

साथ तुम्हारा और मेरा बेसबब नहीं है
वज़ह है ज़रूर इतना तुम पहचान लो

अच्छे लगते हो मेरे नादान दिल को तुम
जिद्दी बहुत है दिल भी मेरा यह जान लो

मौसम का दस्तूर है बदलना एक दिन
पर तुम न बदलना कभी इतना मान लो

सुनो कुछ कहना चाहती है 'निर्झरा'
तुम बिल्कुल मेरे से हो यह पहचान लो!
🌹 चाहती हूँ तुम बिन कहे ही जान लो
जो कहा नहीं मैंने तुमसे वह सुन लो

साथ तुम्हारा और मेरा बेसबब नहीं है
वज़ह है ज़रूर इतना तुम पहचान लो

अच्छे लगते हो मेरे नादान दिल को तुम
जिद्दी बहुत है दिल भी मेरा यह जान लो
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