मन का ये बासंती मौसम सिर्फ तुम्हारे नाम रंगीन रंगीन सी पंखुडिया हैँ बगिया हैँ खामोश कजरारी आँखों का सावन सिर्फ तुम्हरे नाम भोली कलियों को गंधों ने कर डाला बदनाम खूब लिखें खत पुरवैया ने फूलो को गुमनाम अलसाये सपनो का दर्पण सिर्फ तुम्हारे नाम मन का ये बासंती मौसम......