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मेरी जरूरत तुझको भी नहीं जिंदगी। ये तो वेबजह खुद क

मेरी जरूरत तुझको भी नहीं जिंदगी।
ये तो वेबजह खुद को ढ़ो रहा हूँ मैं।

कोई अपना होता कोई बात न थी।
खामखाह बरसात में रो रहा हूँ मैं।

कोई उम्मीद रस्मो से बड़ी नहीं दिखती।
गैर की खुशियां निभा रहा हूँ मैं।।

खुदा को मानने की कोई वजह नहीं मिलती।
उसने कहा तो दुआ में हाँथ उठा रहा हूँ मैं।।

©nirbhay chauhan #Nojoto #Dipreesed #lovenote

#RAMADAAN
मेरी जरूरत तुझको भी नहीं जिंदगी।
ये तो वेबजह खुद को ढ़ो रहा हूँ मैं।

कोई अपना होता कोई बात न थी।
खामखाह बरसात में रो रहा हूँ मैं।

कोई उम्मीद रस्मो से बड़ी नहीं दिखती।
गैर की खुशियां निभा रहा हूँ मैं।।

खुदा को मानने की कोई वजह नहीं मिलती।
उसने कहा तो दुआ में हाँथ उठा रहा हूँ मैं।।

©nirbhay chauhan #Nojoto #Dipreesed #lovenote

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