।।मेरी कविताएँ ।। पन्नों की दीवारों पर गुदी परत दर परत चिनी दब गयी किताबोें में बेबस सी मेरी कविताएँ। बेचूतो कोई मोल नहीं तोलू तो दो तोल नहीं न सुनने को कोई श्रोता न देखने को कोई नयन ही बस रद्दी भर है मेरी कविताएँ । (Full poem in caption ) पन्नों की दीवारों पर गुदी परत दर परत चिनी दब गयी किताबोें में बेबस सी मेरी कविताएँ। बेचूतो कोई मोल नहीं तोलू तो दो तोल नहीं न सुनने को कोई श्रोता