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मैंने उससे पूछा, कि...... मैं कौन था, उस हिस्से क

मैंने उससे पूछा, कि......
 मैं कौन था, उस हिस्से के आखरी अक्स में...
खबसूरती इतना सी बढ़ी इसी प्रश्न में, कि....
ग़ैर ए हाथ खुद के नज़्म खो दिये...
उसे भी  कोई  हक़ न था..,
ख़ाक.. किसी के लिए.. कुछ नहीं था..!!

©Dev Rishi , प्रेम, त्याग, वियोग..!!
मैंने उससे पूछा, कि......
 मैं कौन था, उस हिस्से के आखरी अक्स में...
खबसूरती इतना सी बढ़ी इसी प्रश्न में, कि....
ग़ैर ए हाथ खुद के नज़्म खो दिये...
उसे भी  कोई  हक़ न था..,
ख़ाक.. किसी के लिए.. कुछ नहीं था..!!

©Dev Rishi , प्रेम, त्याग, वियोग..!!
devrishidevta6297

Dev Rishi

Bronze Star
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