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" मंजिले इश्क की तामिर किये बैठे हैं , रोज़ तेरे ख

" मंजिले इश्क की तामिर किये बैठे हैं ,
रोज़ तेरे ख्यालों से होना है रु-ब-रू मुझे ,
कुछ बात हो तो जाहिर कर मुझसे तेरी ख्वाहिशें को ,
ऐसे में हर रोज़ तुझे किस-किस अंदाज में प्यार करु. " 

                                 --- रबिन्द्र राम Pic : pexels.com

" मंजिले इश्क की तामिर किये बैठे हैं ,
रोज़ तेरे ख्यालों से होना है रु-ब-रू मुझे ,
कुछ बात हो तो जाहिर कर मुझसे तेरी ख्वाहिशें को ,
ऐसे में हर रोज़ तुझे किस-किस अंदाज में प्यार करु. " 

                                 --- रबिन्द्र राम
" मंजिले इश्क की तामिर किये बैठे हैं ,
रोज़ तेरे ख्यालों से होना है रु-ब-रू मुझे ,
कुछ बात हो तो जाहिर कर मुझसे तेरी ख्वाहिशें को ,
ऐसे में हर रोज़ तुझे किस-किस अंदाज में प्यार करु. " 

                                 --- रबिन्द्र राम Pic : pexels.com

" मंजिले इश्क की तामिर किये बैठे हैं ,
रोज़ तेरे ख्यालों से होना है रु-ब-रू मुझे ,
कुछ बात हो तो जाहिर कर मुझसे तेरी ख्वाहिशें को ,
ऐसे में हर रोज़ तुझे किस-किस अंदाज में प्यार करु. " 

                                 --- रबिन्द्र राम