सुबेह की सबनम बता रही है,थी रात कितनी हसीन गुजरी, तुम्हारी तो थी सो के गुजरी, हमारी तारे गिनते गुजरी......! कभी तो देखूं वो चांद मैं और,अभी तुम्हारा चेहरा देखूं, गुजरी जो है हसीं चांदनी, तुझसे गुजरी चांद से गुजरी.! अभी तो देखा है मैंने उसको,अभी ना पूछो क्या हाल मेरा, घर से आती है अब भी खुशबू,वो आज मेरे गली से गुजरी.! कभी तो आके पास बैठो,सुनाएं अपने हाल–ए–दिल की, देख तबस्सुम यार का चेहरा, क्या हमारे दिल पे गुजरी.! बना दीवाना परवाना भी, रात को आए शमा को तकता फना भी कर दी हो जान जिसने,बताओ उसपे कैसी गुजरी.! लगाता चक्कर जानता है, नही है उसका हमसे मिलना, पर मोहब्बत में देख लो सब, है दीवाने की रात गुजरी..! ©कलीम शाहजहांपुरी (साहिल) #brokenlove सुबह की सबनम बता रही है..