ऐ जिन्दगी तू बहुत प्यारी, तेरे सिवा मेरी कोई ना दुलारी | तु मेरी चाहत है, तू मेरी आशिकी हैं | तेरे बिन रहे अकेला, तेरी याद में लगाऊ प्याज का ठेला || ऐ जिन्दगी................... ना दुलारी | तेरी याद बहुत सताए बिन रोए बहुत रुलाए तू ना आए जैसे गर्मियों में पानी, आपके बिना ना रहे मेरे शब्दों वाणी | ए जिंदगी तू बहुत प्यारी, तेरे सिवा मेरी कोई ना दुलारी || यदि आप हो तो लगे सोने पर सुहागा यदि आप ना हो तो उड़ाऊ में कागा || तेरी याद में दिल धड़क उठा तू ना हो तो यह जीवन तड़प उठा || ए जिंदगी तू बहुत प्यारी, तेरे सिवा मेरी कोई ना दुलारी || लेखक R. S. BAIRWA मेरी जीवन की पहली कविता - "ए जिंदगी तू बहुत प्यारी"