White बचकानी हरक़त करके, रहने लगा है अब डरके, स्वर्ग-नरक की बात करे, देखा है किसने मरके, शांति-सुकून हृदय अपने, ले जाना तुम भर भरके, माया है ठगनी जग में, क्या होगा पीछे पड़ के, कोई आने वाला है क्या, रह रहकर आँखें फड़के, उनका भी है हाल यही, बे-मतलब रहते भड़के, तेजस्वी बनना हो 'गुंजन', उठ जाना पड़ता तड़के, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #बचकानी हरक़त करके#