कुछ ऐसी जिन्दगी जीते हैं तेरे प्यार की उधारी बाकी है। कुछ रूठी सी है जिन्दगी मेरी और कुछ कमी हमारी है। कह दू्ं तुझसे बात ये दिल की लम्हा अभी ये बाकी है। तेरा आलम खुशी से उम्दा हो इतना ही मेरे लिये काफी है। वो सुनते सुनते बातें मेरी तेरा यूं मुस्करा जाना देख उसे याद आता है जैसे एक अनकही बात बाकी है। कुछ रूठी सी है जिन्दगी मेरी और कुछ कमी हमारी है। चाहे दिन हो या फिर रात अंधेरी तू मेरी आंखों का तारा है वो रूला देती हैं बातें जब कहती थी में क्या मेरा सारा जहां तुम्हारा है। ये छोटी सी जिन्दगी हादसों का होना लाजमी है जब पहली दफा तुझे देखा था उतना ही प्यार आज भी है। कब तक समझाओगे खुद को कहकर अकेला ये प्यारी सी जिन्दगी है और इसमें किसी का साथ बाकी है। कुछ रूठी सी है जिन्दगी मेरी और कुछ कमी हमारी है। ©purvarth #रूठी