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युही आज मैं तन्हा नहीं हूँ, ये मेरी क़िस्मत हीं हैँ

युही आज मैं तन्हा नहीं हूँ,
ये मेरी क़िस्मत हीं हैँ,
जों आज मुझ से मेरा साया भी जुदा हैँ!
ख़ामोश लब मेरे आज भी,
उन ज़ख्मों के सिसकियाँ ले रही हैँ,
और आँखों के आँशु लहूँ बनके आते हैँ!

©ABi Aman
  #Affection युही मैं आज#@

#Affection युही मैं आज#@

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