अब क्या सारी दुनिया को आजमाना, तुम्हे देख लिया तो देख लिया ज़माना. जब हर दर्द खुद को ही सहना है, ज़ख्म किसी को, फ़िर क्या दिखाना. नसीब में ही लिखा था रोना मेरे, जो बीती उसे याद कर क्यों पछताना. कोई साथ देता नहीं किसी का, रो रो कर, दुनिया सर पे, क्या उठाना ©Mansi #मानसी #Rose