जिस दुनिया में रहते हो तुम, एक #कोना मेरा भी है।
अपना अपना कहते हो तुम, एक कोना मेरा भी है।
मेरे #मुल्क से मुझको निकाला फिर भी रोते रहते हो,
#मासूम_दिखावा करते हो और लाशें ढ़ोते रहते हो,
जिस धरती के #टुकड़े करते हो तुम, एक कोना मेरा भी है।
अपना अपना कहते हो तुम, एक कोना मेरा भी है।
#याद रखो कि #झूठ_का_परचम ज्यादा दिन नहीं लहराता,
इस #धरती पर सदा #तिरंगा रहता रहेगा #लहराता, #कविता#nojotophoto#कोशिश