कैद कर आजाद कर, छोड़ दे या बात कर कुछ भी कर ले तू मगर, मुझको न बर्बाद कर! नींद आँखो मे नहीं है, चैन रातो मे नहीं प्यार निभता वादो से है, मीठी बातो से नहीं! जब बनेगी हस्ती मेरी,साथ मेरे होंगे सब, आज जब पड़ता अकेला, थाम दामन साथ चल! कैद कर आजाद कर, छोड़ दे या बात कर गर निभा सकते नहीं, बोल दो ये बात तुम मै तेरे बिन मर न जाऊ,मत करो परवाह तुम! इक दशक से है घुटन ये, जिसमे हर पल मर रहा दात देता हूँ जिगर की, प्यार तुझसे कर रहा! तेरी चुप्पी चीखती है, साथ तुम दोगे नहीं सत्य है ये मै मरुंगा ,पास तुम होंगे नहीं! तोड़ दु मै तुझसे रिश्ता मेरी तो हिम्मत नहीं मेरे बिन सब कुछ तेरे संग, तेरे बिन मै कुछ नहीं! #हेमन्त कुमार "अकेला" #dilsekalamtak