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Eid Mubarak हमारी निष्ठाएं विकृति के आगार मे

Eid Mubarak हमारी  निष्ठाएं 
विकृति  के  आगार  मे  
बंधक  बनी  रही 
और संवेदनाओ का  आश्रय स्थल  
कभी प्रीती के  सेतुः  से  जुडा   ही नहीं 
हमरे मस्तिष्क का  उत्कृष्ट  हिस्सा 
भृष्ट ता  के  वशीभूत  रहा सदैव  
इसीलिए  एकाकीपन  और . 
आंतरिक  रिक्तता का. मूल्यांकन 
कभी  हो ही न सका मूल्यांकन........
Eid Mubarak हमारी  निष्ठाएं 
विकृति  के  आगार  मे  
बंधक  बनी  रही 
और संवेदनाओ का  आश्रय स्थल  
कभी प्रीती के  सेतुः  से  जुडा   ही नहीं 
हमरे मस्तिष्क का  उत्कृष्ट  हिस्सा 
भृष्ट ता  के  वशीभूत  रहा सदैव  
इसीलिए  एकाकीपन  और . 
आंतरिक  रिक्तता का. मूल्यांकन 
कभी  हो ही न सका मूल्यांकन........

मूल्यांकन........