मनोज की कलम से: कुछ कहते है चीनी माल का बहिष्कार हो तो कुछ चिल्लाएं चपटी नाक का तिरस्कार हो ... इस उधेड़बुन में खो गए सुधबुध तो लगे हाथ सीपीसी का बहिष्कार हो .... यूँ हाथ पर हाथ धरे कब तक बैठें अब तो लगता है कुर्सी का बहिष्कार हो .... कुछ सोचे कुछ समझें क्या ख़ाक मियां इस दौर में समझदारी का बहिष्कार हो .... बैठे बिठाए मुफ्त में फैल रहा कोरोना दिल तो करता है बीमारी का बहिष्कार हो ... सभी बीमारियां चिल्ला के कह रही बाखुदा कुछ हमारी तरफ भी ध्यान हो ... सकूलों की फीस का हो चैक बाउंस पढ़ने के नए तरीकों का अविष्कार हो ..... जब मूर्ख ही करें मार्गदर्शन तो आंख बंद कर चलने का प्रावधान हो ... गर्मियों में रजाई बचाएं ठंड से तो सर्दियों में कूलर बिराजमान हो ... अब स्वराजी फड़फड़ाने से क्या फायदा जब मुल्क में गधों का फरमान हो ......😊 सीपीसी=कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना #चीनी