रीति रिवाज की गहरी खाई जिसमे दुनिया पूरी समाई खोखले है दोगले है जिनकी अहमियत समझ न आई रीति रिवाज़ की गहरी खाई समाज इस अंगार को हवा दे रहा है अपना ही इस खेल में दगा दे रहा है जन्म मरण सब मे नई चुनौती है दरसअल हक़ीक़त क्या होती है? कौन जानता है? क्या खुदा ने खुद बनाये यह उसूल है या हमारे पूर्वजों की कोई भूल है जिसपर बीतती है उसके लिए यह शूल है पर समाज के पैरों की यह धूल है कितने अंधेरो में उजालो ने रातें गवाई रीति रिवाज की गहरी खाई जिसमे दुनिया पूरी समाई ©दक्ष आर्यन रीति रिवाज की गहरी खाई जिसमे दुनिया पूरी समाई खोखले है दोगले है जिनकी अहमियत समझ न आई रीति रिवाज़ की गहरी खाई समाज इस अंगार को हवा दे रहा है अपना ही इस खेल में दगा दे रहा है