बड़ी ग़फ़लत मे है की तू ज़िंदा है
तेरे सीने मे जो साँसे है वो चुनिंदा है
तेरी साँसे क़र्ज़दार है इस वक़्त की
साँसे छीनने और चुराने का इस वक़्त का गोरखधंधा है
बड़ी ग़फ़लत मे है की तू ज़िंदा है
जाने कब ये वक़्त छीन लेगा तुझसे ये साँसे तुम्हारी
जाने कितना क़र्ज़ है तेरे सर पर #मोटिवेशनल
दक्ष आर्यन
शाही स्नान करने तुम भी कुम्भ के मेले गए थे क्या?
पुण्य कमाने गए थे या पाप धोने गए थे क्या?
मन मेला करके गए थे जो,
वो साफ करके आये हो क्या?
पाप धोके आये हो या पाप करके आये हो क्या?
#गुस्ताखी_माफ़#कविता
दक्ष आर्यन
#Sad_Status कुछ बात ज़ख्म दे जाती है, घाव दे जाती गहरा पर
रैत के जैसे बिखर रही है, सांस वक़्त के सहरा पर #विचार