संभाव्य-संकल्प का तू देने प्रमाण चल,
माटी से उठकर अब तू भरने उड़ान चल,
हौसलों के दम पर जीतने अभिमान चल,
विश्वास की सीढ़ी लिए,चढ़ने आसमान चल।
ऊंचाईयों को नापने,ऐ माटी के लाल चल,
नभ का अहम तोड़ने,नन्हे स्वाभिमान चल,
स्वयं को सिद्ध करने स्वनिर्मित इंसान चल,
देने अपनी पहुँच का,फिर से इम्तिहान चल। #yqbaba#yqdidi#कोशिश#संभावना