याद है मुझे तेरा दिया वो सुखा गुलाब तेरे साथ का हर पल उन पंखुड़ियों में कैद है जब जब खोली वो अपनी पुरानी किताब हाथ में आ जाता है तेरा भेजा वो सुखा गुलाब आज पुरानी किताब में मिला सुखा गुलाब कुछ इस तरह से फिर तेरी यादों का सैलाब आया आज फिर से किताबें ढूंढ रहीं हैं वो सुखा गुलाब जो रखी थी तुमने पन्नों में जिसे एक अरसा हो गया यह जो सुखा गुलाब रखा था तुमने किताबों में अब तो वो भी तेरी मोहब्बत का निशां छोड़ रहा है सोच रहीं हूं यह तुम्हारा पुराना प्यार है या कुछ पुरानी यादें जिसको पा ना सकी वो प्यार हो तुम मेरी जिंदगी का पहला ख़्वाब थे तुम लोग चाहें कुछ भी कहें तुमको मेरे लिए आज भी वही खुशबू बिखेरता सुखा गुलाब हो तुम। ♥️ Challenge-645 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।