जरी कलम थे जो राहत नजीर भारत के वतन के साथ कर गुनाह चले लगा के आग सारी बस्ती में गुरुर ए हद वो इंकलाब चले नफरत पे भरोसा मोहब्बत काफिर नई सुबह का कर इंतजाम चले हम भी थे शामिल मां के किस्से में तुम्हारे प्यार मोहब्बत के सारे हिस्से में राम ने बनाए थे सारे बंदे वो करके हिंदू मुसलमान चले उन्हें ना प्यार किसी गैर से गैरत से वो खुदगर्जी के नए निजाम चले वो करते कोशिश तो गुलजार बगीचा ए हिंद वो करके गुमराह दिले आवाम चले #nozotonews #nozoto #nozotohindi #nozotonews #hindi #hindipoetry #hindishayari #hindisahitaya #shayri #nozotopoetry