यूँ किसी बहाने से तेरी कुशल क्षेम पूछ पाते हैं।
नफ़रतों के इस दौर में दीया प्रेम का जलाते हैं।
बेशक़ तुम चुप ही रहती हो कुछ नहीं कहती!
यूँ हम तो तेरी मुस्कुराहट से सब जान जाते हैं।
पढ़ने की कोशिश करते हैं हरएक पन्ने को हम!
चहरे किताबों से हैं हम पढ़ कर सुकून पाते हैं। #yqbaba#yqdidi#YourQuoteAndMine#कोराकाग़ज़#collabwithकोराकाग़ज़#प्रेमकीगहराई#KKC921