चाँद सा रोशन चेहरा चाँद सा रोशन उनका हसीन चेहरा है उसपे भी उनकी जुल्फो ने रखा पहरा है नजर न पड़ जाये इन पर आशिको की कही देख आशिको का यहाँ पहले से बसेरा है घायल न कर दे कही उसकी नजरे किसी को शायद इसीलिये खुद को उसने ऐसे सँवारा है पहले तो उसने मुस्कुराया फिर पलके झुकायी क्या बताऊँ उस इसारे ने लिया जान हमारा है पुछूँगा अली उनसे किसी रोज मुलाकात करके उनके इस हरकत का आखिर क्या इसारा है #शायरी#कविता#विचार#चाँद#सा#रोशन #चेहरा