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ए  जमाने  वोलों  अब  तो  खुश  हो  जाओ तुम  सब  जीस

ए  जमाने  वोलों  अब  तो  खुश  हो  जाओ
तुम  सब  जीस  से  थे  परेशान , वो  अब  ना  रहा। 

काश  बचपन  में  झुला  जुलने  से  ना  रोका  होता
आज  वो  पंखे  पर  नही  जुलता। 

Writer  ऊसको  बन  ने  दीया  होता
तो  आज  वो  suicide  note  नही  लीखता। 

सबको  समज  ने  चाहता  था  वो
पर  ऊसको  कोई  समज  ने  वाला  ना  मीला। 

महंगे  से  महंगे  तोफे  मीले  ऊसको
पर  बचपन  उसको  फिरसे  नही  मीला। 

स्वभाव  का  गुस्सेल  जरूर  था
पर  आदमी  दील  का  अच्छा  था। 

सबको  हसाने  वाला  आज  देखो
सबको  रुला  कर  चला  गया। 

ए  जमाने  वोलों  अब  तो  खुश  हो  जाओ
तुम  सब  जीस  से  थे  परेशान , वो  अब  ना  रहा।

©Manthan's_kalam
  #boatclub #Suicide