उम्मीद करते है हम कि अब सहने नहीं पढ़ेंगे हमेँ दुख दर्द के दंश और भी उम्मीद करते है हम कि स्थगित हो जाएंगी हैवानियत की वारदाते इस जगत मे और खुलेंगी इंसानियत की नई राहें और भी उम्मीद करते है हम कि थम जाएंगा चालबाजियो और फरेबो का घिनोना घात और देख पाएंगे प्यार मुहब्बत के नए मंजर और भी ©Parasram Arora उम्मीद करते है