एक ख़ामोशी से मैं ना जाने कितनो की गुनहगार बनी, खुदा का ईमान छूटा और राम भी शर्मिंदा हुआ, वो कोख भी रोती रही जिसने उन दरिंदो को जनम दिया, मेरे आंसू भी ज़ख़्मी हुए जब उन्होंने मेरी रूह को छुआ, शायद गलती मेरी है जो उस दिन मैंने खुदा पे भरोसा किया. #hqbhaijan #hqdidi #rape