तांडव..... कोरोना का तांडव कितनी को रुलायेगा ये कितनो का घर उजारेगा कितनो को बेसहारा कर जाएगा। अब बस टीस सी उठती है दर्द सा होता है सिसकियां दबती जा रही घाव रिसते जा रहे। पहली लहर ने तो बस डराया था दूसरी लहर ने तो दहलाया है कितना आतंक कितनी दहशत अब सुनने समझने की सीमा भी खत्म हो गई। शायद ये अपनी करनी का ही फल है शायद भगवान के पट बंद है शायद कुछ त्रुटी होगयी इंसानियत में शायद हम कहीं गलत हो गए। शायद हम कहीं गलत हो गए। #Coronataandav