सर्द हवाओं ने अपने रूतबे को, बड़ी खूबसूरती से फैलाया है, शबनमी बूँदें धरा की हरी चादरों पर, मोतियों को बिछाया है। धुँध शांत वातावरण में, सर्द हवाओं का शोर फैला चहुँओर है, फलक पर आफ़ताब कुहासे की चादर में, अपने को छुपाया है। 🌝प्रतियोगिता-103 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"कुहासे की चादर "🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I