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क्या लिखूँ तेरी तारीफ़ में अल्फाज़ों का











क्या लिखूँ तेरी तारीफ़ में 
अल्फाज़ों का खत्म होना
तेरी तारीफ़ में 
मुमकिन हैं 

सिर्फ़ कहने को मोहब्बत नहीं 
तुम्हें मुझ से
जिसे कभी कहे बिना भी 
तुमने जताया हैं 

तुम ही तो मेरी खुशियों की पूँजी 
अपने पूँजी को हर दफ़ा  
अपने दिल से लगाया हैं 

हर वक़्त कह के जताना
मुमकिन नहीं 
पर फ़िर भी तेरे कहे 
हर अल्फाज़ 
इज़्हारे मुहब्बत 
बयां करती हैं मुझसे....!!


  पैग़ाम-ए-इश्क़
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©# musical life ( srivastava )
  #chaandsifarish #पैग़ाम-ए-इश्क़  एक अजनबी Neel Suresh Gulia अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर