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सुन री रे सरकार लोकतंत्र का कर दिए हो व्यापार लगेग

सुन री रे सरकार
लोकतंत्र का कर दिए हो व्यापार
लगेगी हाय गिरेगी तू
आँसुओं का एक एक कतरा मिल कर
अब समंदर बन रहा है
देख तुम्हारे पतन के लिए
अब कोने-कोने से चाणक्य सड़क पर चल पड़ा है
बेटियाँ, बहने अब सजने की जगह
लड़ने निकल पड़ी है
क्या तुम भूल गए हो
तुम्हारा अस्तित्व हमसे है
फिर भी तुमने हमे ही ललकारा है
लाठियों के प्रहार ने जो दर्द दिया है
उसका असर अब तुम्हारे अस्तित्व पर पड़ने वाला है
सुन री रे गूंगी,बहरी सरकार
तुमने घायल नहीं किया है
हमारे बीस-पच्चीस भाई बहनों को
तुमने बूढ़ी होती उस माँ की उम्मीदों को चोट पहुंचाया है
जो खुद अनपढ़ रहकर
अपने बेटे को शिक्षक बनाना चाहती थी
तुमने खेतों में हल चलाते उस बाप के
पसीने को धिक्कारा है
तुमने उस कलम को तोड़ना चाहा है
जो देश के नौनिहाल का भविष्य लिखना चाहता था
अरे! काँपे नही तुम्हारे हाथ
महिला सुरक्षा का दम्भ भरने वाले दंभी
तुमने उन पर आखिर कैसे लाठी चलाया है
आखिर तुम्हारे सुशासन बाबू का नकाब
अब उतर ही आया है
क्या तुम अपनी शक्ल देख सको
ऐसा कोई आईना राजपथ पर लटकाया है
धिक्कार है तुम्हे
ओ री गूंगी, बहरी सरकार
अगर नहीं करे पाये तुम अपेक्षित सुधार
तो तुम्हारा जाना तय है इस बार—-अभिषेक राजहंस सुन री रे सरकार #Nojoto #NojotoHindi
सुन री रे सरकार
लोकतंत्र का कर दिए हो व्यापार
लगेगी हाय गिरेगी तू
आँसुओं का एक एक कतरा मिल कर
अब समंदर बन रहा है
देख तुम्हारे पतन के लिए
अब कोने-कोने से चाणक्य सड़क पर चल पड़ा है
बेटियाँ, बहने अब सजने की जगह
लड़ने निकल पड़ी है
क्या तुम भूल गए हो
तुम्हारा अस्तित्व हमसे है
फिर भी तुमने हमे ही ललकारा है
लाठियों के प्रहार ने जो दर्द दिया है
उसका असर अब तुम्हारे अस्तित्व पर पड़ने वाला है
सुन री रे गूंगी,बहरी सरकार
तुमने घायल नहीं किया है
हमारे बीस-पच्चीस भाई बहनों को
तुमने बूढ़ी होती उस माँ की उम्मीदों को चोट पहुंचाया है
जो खुद अनपढ़ रहकर
अपने बेटे को शिक्षक बनाना चाहती थी
तुमने खेतों में हल चलाते उस बाप के
पसीने को धिक्कारा है
तुमने उस कलम को तोड़ना चाहा है
जो देश के नौनिहाल का भविष्य लिखना चाहता था
अरे! काँपे नही तुम्हारे हाथ
महिला सुरक्षा का दम्भ भरने वाले दंभी
तुमने उन पर आखिर कैसे लाठी चलाया है
आखिर तुम्हारे सुशासन बाबू का नकाब
अब उतर ही आया है
क्या तुम अपनी शक्ल देख सको
ऐसा कोई आईना राजपथ पर लटकाया है
धिक्कार है तुम्हे
ओ री गूंगी, बहरी सरकार
अगर नहीं करे पाये तुम अपेक्षित सुधार
तो तुम्हारा जाना तय है इस बार—-अभिषेक राजहंस सुन री रे सरकार #Nojoto #NojotoHindi