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आज जब भी शाम होती, बात उस दौर में पहुंच जाती, जब म

आज जब भी शाम होती,
बात उस दौर में पहुंच जाती,
जब मैं खूब घुमा करता था,
हर सड़क को,
मेरा नाम तक पता था,
सिर्फ एक ही इंतजार में,
क्या उससे मुलाकात होगी,
आंखें चार होंगी,
फिर वो मुस्कराएगी,
और मेरी रात अच्छी निकल जाएगी।
लेकिन किस्मत,
बहुत मायने रखती है।
इससे पहले कि मैं बात करता,
वो हो चुकी थी,
किसी ओर की।

©Anil Kumar Jaswal #hindiwriting   Pramodini mohapatra Kapil Nayyar Praveen Storyteller heartlessrj1297 POOJA UDESHI
आज जब भी शाम होती,
बात उस दौर में पहुंच जाती,
जब मैं खूब घुमा करता था,
हर सड़क को,
मेरा नाम तक पता था,
सिर्फ एक ही इंतजार में,
क्या उससे मुलाकात होगी,
आंखें चार होंगी,
फिर वो मुस्कराएगी,
और मेरी रात अच्छी निकल जाएगी।
लेकिन किस्मत,
बहुत मायने रखती है।
इससे पहले कि मैं बात करता,
वो हो चुकी थी,
किसी ओर की।

©Anil Kumar Jaswal #hindiwriting   Pramodini mohapatra Kapil Nayyar Praveen Storyteller heartlessrj1297 POOJA UDESHI