White कोई शिकवा न कोई ग़िला रह गया, दिल में बस एक सिलसिला रह गया। चाहतों की जो राहों में कांटे मिले, वक़्त गुज़रा तो बस फ़ासला रह गया। ख़्वाब जो देखे थे आँखों ने कभी, अब तो बस उनका हौसला रह गया। कुछ तो कहती थी ये बेबसी रातभर, सुबह देखा तो बस आईना रह गया। . ©dilkibaatwithamit कोई शिकवा न कोई ग़िला रह गया, दिल में बस एक सिलसिला रह गया। चाहतों की जो राहों में कांटे मिले, वक़्त गुज़रा तो बस फ़ासला रह गया। ख़्वाब जो देखे थे आँखों ने कभी, अब तो बस उनका हौसला रह गया।