सब कुछ अच्छा था मेरा वक्त भी, मेरी तकदीर भी बस गलत मेरी पसंद हो गयी। अब ना वक्त अच्छा है, ना किस्मत खुशिया थी भरी जो पहले अब वो भी चंद हो गयी। एक आस थी पहले जीने की हर पल मुस्कराने की हमारी अदा थी। उसकी अदा ने ऐसा मारा की अब मेरी मुस्कराहट यादों की एलबम में हमेशा के लिए बंद हो गयी। यादों की एलबम