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नज़रों से तू मेरी क्या ओझल हुई ,ज़िन्दगी मेरी खाली

नज़रों से तू मेरी क्या ओझल हुई ,ज़िन्दगी मेरी खाली बोतल हुई। नशा शराब सी तेरी आंखों का, बहारें भी देख तेरे कायल हुई । अधरज पे तेरे क्या मुस्कान सी छाई,मंडली भौंरों की वादियों में तेरे शामिल हुई। क्या कहना तेरी जुल्फों के साए का,बन तीर जिगर का कातिल हुई। तेरे लब्जों में क्या जादू है,बन शहद छत्ते के काबिल हुई। अदाओं में तेरी ये कैसी खिंचन है,मुकम्मल मंजिल में तेरी मोहब्बत हासिल हुई। हसीं चेहरे से तेरे क्या नूर झलकता है,देख तुझको लहरें भी साहिल हुई।,,,,....................लेखक ......संतोष वर्मा .....आजमगढ़ वाले,..... तेरी खूबसूरती,....
नज़रों से तू मेरी क्या ओझल हुई ,ज़िन्दगी मेरी खाली बोतल हुई। नशा शराब सी तेरी आंखों का, बहारें भी देख तेरे कायल हुई । अधरज पे तेरे क्या मुस्कान सी छाई,मंडली भौंरों की वादियों में तेरे शामिल हुई। क्या कहना तेरी जुल्फों के साए का,बन तीर जिगर का कातिल हुई। तेरे लब्जों में क्या जादू है,बन शहद छत्ते के काबिल हुई। अदाओं में तेरी ये कैसी खिंचन है,मुकम्मल मंजिल में तेरी मोहब्बत हासिल हुई। हसीं चेहरे से तेरे क्या नूर झलकता है,देख तुझको लहरें भी साहिल हुई।,,,,....................लेखक ......संतोष वर्मा .....आजमगढ़ वाले,..... तेरी खूबसूरती,....

तेरी खूबसूरती,....