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बच्चो का भूख देख कर मचल जाती है। माँ पत्थर नहीं, म

बच्चो का भूख देख कर मचल जाती है।
माँ पत्थर नहीं, मोम है पिघल जाती है।

मेरा बेटा राजा है बेटी है कोई राजकुमारी।
कोई  कुछ बुरा बोले  तो माँ जल जाती है।

लोरियां गाती थी,माँ प्यार से सुलाती थी।
गम कोई हो तो माँ की कमी खल जाती है।

मुझे भूख नहीं है, शाम में ही तो खाई थी।
खाना कम हो तो माँ हमें यूं छल जाती है।

एक राज़ की बात बताऊं आप अजमा लेना।
माँ पुकारते ही "जय" ज़िंदगी बदल जाती है।

©mritunjay Vishwakarma "jaunpuri" #Mothers #maa #shyari #ghazal #mjaivishwa
बच्चो का भूख देख कर मचल जाती है।
माँ पत्थर नहीं, मोम है पिघल जाती है।

मेरा बेटा राजा है बेटी है कोई राजकुमारी।
कोई  कुछ बुरा बोले  तो माँ जल जाती है।

लोरियां गाती थी,माँ प्यार से सुलाती थी।
गम कोई हो तो माँ की कमी खल जाती है।

मुझे भूख नहीं है, शाम में ही तो खाई थी।
खाना कम हो तो माँ हमें यूं छल जाती है।

एक राज़ की बात बताऊं आप अजमा लेना।
माँ पुकारते ही "जय" ज़िंदगी बदल जाती है।

©mritunjay Vishwakarma "jaunpuri" #Mothers #maa #shyari #ghazal #mjaivishwa