माना कि कुछ बातों को ले डर जाता हूं मैं पर तुम पर जोर आजमाइश करूं ऐसी चाहत नही सोच भी कैसे लिया तुमने कि मैं तुम्हें कष्ट दूंगा इश्क हो तुम मेरा कोई आफत नहीं जो तुम पर ये हाथ उठे ना तो उससे पहले मैं मिट जाऊंगा जो यकीन ना हो अब भी मुझ पर तो कर दो इशारा मैं फिर कभी ना आऊंगा अरे कायर नहीं हूं मैं बस बेइंतहा मोहब्बत हो गई है तुमसे जो साथ दो तुम तो हक से, तुमसंग अपनी जहां बसाऊंगा लो आज करता हूं तुमसे मैं एक वादा तुमसे ही रहूंगा पूरा वरना हो जाऊंगा आधा अब क्या कहूं इससे ज्यादा #मुमकिन_नहीं