वो लड़की सांवली-सांवली सी, फूलों सा बदन उसका " चाल "जैसे लहराए हरियावली-हरियावली सी बातों में उसकी था स्वाद शहद का , पूछा मैंने कौन सा है शहर आप का, कहां ऐसी अप्सराएं जन्म लेती कोई तो होगा सहर आप का , नाम पता कुछ तो बता दो , कहां डालो खत आपको कोई तो घर का पता दो , इतने में यारों लट उसके बालों की गालों से टकरा गई जाते जाते मुझको अपना वो address भी बता गई , पते का तो मुझको मिल गया पता यारो , नशीली आंखों में थी उसकी कोई खता यारों , उसके होठों की लाली इस कदर छाई थी यारों , जैसे बादलों में कोई लालिमा आई थी यारों, तब पीछे से बोली उसकी सहेली , अब चल ओह पागल बाबली - बाबली सी वो लड़की सांवली सांवली सी ©Adv..A.S Koura #thegirl #Thoughts