" कहीं वो आसमां मिल नहीं रहा , जहां मेरा चांद रोशन हो जाये , इन्तजार का ये लम्हा बेजार सा हैं , काश कही आते - जाते दिदार हो ." --- रबिन्द्र राम " कहीं वो आसमां मिल नहीं रहा , जहां मेरा चांद रोशन हो जाये , इन्तजार का ये लम्हा बेजार सा हैं , काश कही आते - जाते दिदार हो ." --- रबिन्द्र राम #आसमां #चांद #रोशन