सिमटती दरमियाँ बातें रहेंगी बिखरती बेख़बर यादें रहेंगी रहेगी बेबसी भी बेजुबाँ जब बरसती बेसबर आँखें रहेंगी यहाँ बेचैन से मेरे ये दिन हैं तेरी बेचैन सी रातें रहेंगी रहेंगे दिल में एक दूजे के हम तो कि जबतक अपनी ये साँसें रहेंगी हमारा इश्क़ ना पूरा अगर हो हमारी ये मुलाक़ातें रहेंगी सिमटती दरमियाँ बातें रहेंगी....