अलविदा खुशबुएं उपहार दे कर, चल दिया मुड़ कर न देखा। है बहुत जालिम,बुलाया भी,मगर रुक कर न देखा। उफ़!तुम्हारी शोखियां और ये अदाएं जानेमन, बे वजह ही मार देंगी,कर के यह महसूस देखा। #विदाई