आज एक शहर कह रहा तू ठहर कैसे छोड़ चले तुम सफर अभी बाकी है एक और पहर ये माना तेरी राह है मुश्किलों से भरी कभी धूप है चिलचिलाती तो कभी रात है घनी फिर भी तू रुक पूरे कर तू अपने अधूरे काम अपने हौसलों को जिंदा रख सवेरा है यहां सुकून से भरा ©Poonam #पहर #ठहर #Ride